Folder (फोल्डर):- आप सभी ने कम्प्यूटर
में फोल्डर का नाम तो सुना ही होगा, जिस तरह से हम लोग सामान्य जीवन में
फाईल फोल्डर में आवश्यक पेपर (दस्तावेज) रखते हैं। उसी तरह कम्प्यूटर में दस्तावेज (इलॉक्ट्रानिक फाईल्स और
डॉक्यूमेंटस) को व्यवस्थित तरीके से रखने के लिये फोल्डर का उपयोग किया जाता है।
जिससे फाईल को जल्दी खोजा जा सके।
जिस
तरीके से डॉकिया पत्र पर लिखे पते से आपका घर जल्दी खोज लेता है उसी तरीके से
फोल्डर में रखी फाईल को सरल एवं सहज तरीके से खोजा जा सकता है। फोल्डर का
नामकरण करते समय उसमें स्टोर फाईल अनुसार ही फोल्डर का नाम रखना चाहिये, जिससे भविष्य में फोल्डर
का नाम देखकर ही समझा जा सके कि उसमें कौन सी फाईल स्टोर है, जैसे शादी की फोटो कम्प्यूटर
में स्टोर करने के लिये एक फोल्डर बनाया जिसका नाम
(Marriage Photos) होना चाहिये ।
फोल्डर
के बारे में जानकारी निम्नानुसार है:-
1. फोल्डर मैमोरी का ही एक भाग होता है।
2. फोल्डर का दूसरा नाम डैरेक्टरी होता है।
4. जब नया फोल्डर बनाया जाता है तो उसका डिफाल्ट नाम New folder (न्यू फोल्डर) होता है।
5. फोल्डर के अंदर जब नया फोल्डर बनाया जाता है, तो उसे सब फोल्डर कहा जाता है।
6. फोल्डर का उपयोग कम्प्यूटर में इलॉक्ट्रानिक फाईल्स और डॉक्यूमेंटस को व्यवस्थित तरीके से रखने के लिये किया जाता है।
7. फोल्डर का नाम उसमें स्टोर डाटा अनुसार ही होना चाहिये।
8. फोल्डर के नाम में निम्न चिन्हों का / \ < > * ? : " | (कुल नौ चिन्ह) को उपयोग नहीं किया जा सकता है।
9. फोल्डर के नाम में अधिकतम 217 अक्षर ही हो सकते है।
10. फोल्डर का द्वितीयक नाम नहीं होता है। जैसे की हमारे देश, राज्य, शहर एवं कॉलोनी का द्वितीयक नाम नहीं होता है।
2. फोल्डर का दूसरा नाम डैरेक्टरी होता है।
4. जब नया फोल्डर बनाया जाता है तो उसका डिफाल्ट नाम New folder (न्यू फोल्डर) होता है।
5. फोल्डर के अंदर जब नया फोल्डर बनाया जाता है, तो उसे सब फोल्डर कहा जाता है।
6. फोल्डर का उपयोग कम्प्यूटर में इलॉक्ट्रानिक फाईल्स और डॉक्यूमेंटस को व्यवस्थित तरीके से रखने के लिये किया जाता है।
7. फोल्डर का नाम उसमें स्टोर डाटा अनुसार ही होना चाहिये।
8. फोल्डर के नाम में निम्न चिन्हों का / \ < > * ? : " | (कुल नौ चिन्ह) को उपयोग नहीं किया जा सकता है।
9. फोल्डर के नाम में अधिकतम 217 अक्षर ही हो सकते है।
10. फोल्डर का द्वितीयक नाम नहीं होता है। जैसे की हमारे देश, राज्य, शहर एवं कॉलोनी का द्वितीयक नाम नहीं होता है।
डेक्सटॉप पर नया फोल्डर बनाना :- डेक्सटॉप
पर दो तरीके से फोल्डर बनया जा सकता है, दोनों विधियॉ निम्नानुसार है:-
ड्राईव या विंडो के अंदर
फोल्डर बनाना:- डाईव या विंडोज के अंदर
फोल्डर बनाने की तीन विधियॉ है। विंडोज के अंदर फोल्डर बनाने के पूर्व विंडोज के
भागों को समझना जरूरी है। जिसे समझने के लिेये इस चित्र को देखें ।
(यह चित्र विंडोज के हेल्प एवं सपोर्ट ऑपशन से लिये गया है।)
2. फोल्डर बनाने की शॉर्टकट की Ctrl+Shift+N है। (की-बोर्ड से इन तीनो कुंजियों को एक साथ दबाएं।) कुछ की सेकंड में नयाफोल्डर बन जायेगा।
3. Toolbar में New Folder पर क्लिक करने से नया फोल्डर बन जाता है।
फोल्डर को रिनेम करना या
फोल्डर का नाम बदलना :- फोल्डर
को रिनेम करने की दो विधियॉ हैं।
1. जिस फोल्डर को रिनेम करना है उस पर राईट क्लिक
करते हैं इसके बाद रिनेम ऑपशन पर क्लिक
करके फोल्डर को रिनेम कर देते है।
2. रिनेम करने की शॉर्टकट की F2 है। फोल्डर को सिलेक्ट
करके एफ2 दबायें फोल्डर रिनेम के लिये एक्टिव हो जावेगा नाम टाईप उपरांत इंटर
करें या पुन: कहीं पर भी क्लिक कर देवें।
3. फोल्डर प्रोपर्टीज के जनरल ऑपशन में फोल्डर का
नाम रिनेम कर सकते है।
फोल्डर को डिलिट करना या
फोल्डर को हटाना :- फोल्डर को डिलिट करने की
दो विधियॉ हैं।
1. जिस फोल्डर को डिलिट करना है उस पर राईट क्लिक
करते हैं इसके बाद Delete ऑपशन
पर क्लिक करने पर पुष्टी विंडो Conform Window प्रदर्शित होती है। उसमें यदि फोल्डर को वास्तव
में डिलिट करना है तो Yes पर क्लिक करें यश पर क्लिक करते ही फोल्डर डिलिट होकर रिसाईकल
बिन में चला जायेगा यदि फोल्डर डिलिट
नहीं करना है तो No पर क्लिक करें ।
2. फोल्डर को डिलिट करने की शॉर्टकट की Delete है।
फोल्डर को सिलेक्ट करके डिलिट कुंजी दबायें, कुंजी दबाते ही पुष्टी विंडो Conform Window प्रदर्शित
होती है। उसमें यदि फोल्डर को वास्तव में डिलिट करना है तो Yes पर क्लिक करें यश पर क्लिक
करते ही फोल्डर डिलिट होकर रिसाईकल बिन में चला जायेगा यदि फोल्डर डिलिट नहीं
करना है तो No पर क्लिक करें ।
3. फोल्डर को माउस से ड्रेग करके रिसाईकिल बिन में
मूव कर देते है।
फोल्डर को परमानेंट डिलिट करना या फोल्डर को स्थाई
तौर से हटाना :- फोल्डर को स्थाई तौर से
डिलिट करने की शॉर्टकट की Shift + Delete है
इन दोनों कुजियों को एक
साथ दबाने से निम्नांकित मैसेज बॉक्स प्रदर्शित होता है।
इसमें Yes पर क्लिक करने से फोल्डर हमेशा के लिये डिलिट हो जाता है। उस फोल्डर को पुन्:
वापिस नहीं लाया जा सकता है। इसका उपयों बढी सावधानी से करना चाहिये ।
फोल्डर को एक स्थान से
दूसरे स्थान पर मूव करना :- किसी
भी फोल्डर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर निम्न तरीके से मूव कर सकते हैं:-
1. कट एवं कॉपी ऑपशन से
2. माउस से ड्रेग एंव ड्राप करके
फोल्डर
एडवांस प्रोपर्टीस (Properties)
फोल्डर प्रोपर्टीस (Properties) में पॉच टैब होते हैं जिनका विवरण निम्नानुसार है:-
1. जनरल टैब (General Tab) :-
इस ऑपशन से फोल्डर का नाम
बदला जा सकता है एवं फोल्डर के Attributes बदल सके हैं
2.
शेयरिंग
टैब (Sharing
Tab) :- इस टैब की मदद से हम अपने फोल्डर को नेटवर्क में शेयर कर सकते हैं एक फोल्डर को अधिकतम बीस यूजरस को शेयर कर
सकतेहैं एवं आवश्यक परमीशन लगा सकते हैं।
3.
सुरक्षा
टैब (Security
Tab) :- इस टेब की मदद से हम किसी ग्रुप या यूजर को फोल्डर को ऐक्सस करने की
कंट्रोल परमिशन को सेट कर कर सकते है। इसमें अपनी आवश्यकता अनुसार परमिशन सेट की जा
सकती है।
1.
प्रीविस
वर्जन टैब (Previous Versions Tab) :- इस टेब की मदद से हम फोल्डर जब से बना है उसमें स्टोर फाईलों में जब जब सुधार या अपडेट
किया गया है उक्त अवधि में आवश्यकता पडने पर रिस्टोर किया जा सकता है। यह एक
प्रकार का बैकप ऑपशन है। यह एक बहुत ही उपयोगी टैब है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी फोल्डर में //आनंद// नाम की एक फाईल है वह किसी कारण डिलिट हो गई है या उस फाईल का कुछ
भाग डिलिट हो गया है जबकि वह बहुत ही महत्वपूर्ण फाईल थी, प्रीविस वर्जन से उसे आप पुन्: कॉपी या ओपिन कर सकते है।
1.
कस्टूमाईज
टैब (Customize Tab) :- इस टैब से हम फोल्डर
आईकन को बदल सकते हैं अपनी पंसदानुसार आईकन फोल्डर में लगा सकते हैं एवं फोल्डर
को ऑपटिमाईज कर कर सकते हैं। अर्थात उकत फोल्डर को वर्गीकृत कर सकते हैं ।
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